Total Pageviews

Saturday 5 April 2014

हिन्द-आर्य भाषाओं की सूची

हिन्द-आर्य भाषाओं की सूची

हिंद-आर्य भाषाएँ, एसआईएल के अनुसार समूहीकृत:██ मध्य और पूर्व मध्य क्षेत्र██ उत्तरी क्षेत्र██ उत्तरपूर्वी क्षेत्र██ पूर्वी क्षेत्र██ दक्षिणी क्षेत्र██ द्वीपीय
हिन्द-आर्य भाषाओं में लगभग २१० (एसआईएल अनुमान) भाषाएँ और बोलियाँ आती हैं जो एशिया में बहुत से लोगों द्वारा बोली जाती हैं; यह भाषा परिवारहिंद-इरानी भाषा परिवार का भाग है।

अनुक्रम
·         1 ऐतिहासिक
·         4 संदर्भ
ऐतिहासिक
·         प्राचीन हिंद (१५००-३०० ई.पू.)
·         आरंभिक प्राचीन हिंद: वैदिक संस्कृत (१५०० से ५०० ई.पू.)
·         अतिकालिक प्राचीन हिंद: महाकाव्यिक संस्कृत, शास्त्रीय संस्कृत (५०० से ३०० ई.पू.)
·         मध्य हिंद (३०० ई.पू. से १५०० ईस्वी)
·         प्रारंभिक चरण: ३री शताब्दी ई.पू.
·         अशोक-प्राकृत (३री शताब्दी ई.पू. क्षेत्रीय बोलियाँ)
·         पाली (बौद्ध सिद्धांत की भाषा)
·         आरंभिक अर्धमगधि (सबसे पुराने जैन सूत्रों की भाषा)
·         मध्य चरण (२०० ई.पू. से ७०० ईस्वी)
·         अर्धमगधि (अतिकालिक जैन सिद्धांत)
·         नाटकीय प्राकृत (मौर्य काल)
·         संकर संस्कृत (महायान सिद्धांत)
·         अतिकालिक चरण: अपभ्रंश (७०० ईस्वी से १५०० ईस्वी)
·         अबहत्त (मगधि अपभ्रंश)
·         इलू (सिंहली अपभ्रंश)
·         आरंभिक आधुनिक हिंद (मुगल काल, १५०० से १८००)
·         आरंभिक दक्खनी (कालमितुल-हकायत १५८०)
·         खड़ीबोली का उद्भव (गोरा-बादल की कथा, १६२० का दौर)
·         दिल्ली के किले पर "उर्दू" का उभरना (१६७० का दौर)
समकालीन भाषाएँ
यह वर्गीकरण कौसन का पालन करता है (२००५)। एसआईएल से भिन्नता उल्लेखित है। (एसआईएल हिंद-आर्य भाषाओं में नुरिस्तानी भाषाओं को सम्मिलित करता है)
(दूसरी हिंद-आर्य भाषाओं से इस परिवार का सम्बन्ध अस्पष्ट है; एथ्नोलोग इसे पश्चिमोत्तर क्षेत्र में सम्मिलित करता है, इसके पश्चात भी की इन भाषाओं की व्याकरण संरचना शास्त्रीय हिंद-आर्य भाषाओं से बहुत अलग है।)
कुनर (कुनड़) भाषाएँ
·         पाशाई
·         ग्वार-बती
·         दामेली
·         शुमश्ती
·         नंगलामी (ग्रंगली सम्मिलित)
चित्राल भाषाएँ
·         खोवार
·         कलश
कोहिस्तानी भाषाएँ
·         कालामी
·         तोरवाली
·         कलकोटी
·         बटेरी
·         चीलीस्सो
·         गोवरो
·         तीराही
शीना भाषाएँ
·         शीना भाषा
·         ब्रोक्स्काद (बल्तिस्तान और लद्दाख़ की शीना)
·         उशोजो
·         डोमाकी
·         पालूला
·         सावी
कश्मीरी
·         कश्मीरी
·         पोगुली
उत्तरी क्षेत्र (पहाड़ी)
मुख्य लेख : पहाड़ी
·         नेपाली (गोरखाली; पाल्पा सम्मिलित)
·         गढ़वाली (टिहरी सम्मिलित)
·         कुमाँऊनी
उत्तर पश्चिमी क्षेत्र
क्षेत्र के मानचित्र जहां डोगरी-कांगड़ी भाषाएँ बोली जाती हैं
डोगरी-कांगड़ी भाषाएँ
(एसआईएल द्वारा पहाड़ी में सम्मिलित)
·         डोगरी - कांगड़ी
·         गद्दी
·         चुरही
·         भात्तियाली
·         बिलासपुरी
·         चम्बाली
·         मंडाली
·         जौनसारी
·         पंग्वाली
·         पोत्वारी (मीरपुरी या पोथोहरी के नाम से भी जानी जाती है और कभी-कभी लहंदा के साथ समूहीकृत)
पंजाबी
(एसआईएल द्वारा केंद्रीय क्षेत्र में सम्मिलित)
·         दोअबी
·         पोवाधि
सरैकी भाषाएँ
·         लहंदा (पश्चिम पंजाबी)
·         पोत्वारी (मीरपुरी या पोथोहरी के नाम से भी जानी जाती है और आमतौर पर पहाड़ी के रूप में वर्गीकृत)
·         हिंद्को
·         सरैकी (दक्षिण पंजाबी या मुलतानी)
·         उत्तरी गुजराती
सिंधी भाषाएँ
·         सिन्धी
·         जद्गली
·         कच्ची
पश्चिमी क्षेत्र
(एसआईएल इन भाषाओं को मध्य क्षेत्र में सम्मिलित करता है)
·         मारवाड़ी (मेवारी सम्मिलित)
·         हरौती
·         गोअरिया
·         माल्वी
·         निमाड़ी
·         गुजरी
·         बागड़ी
·         लंबाडी
·         लोअर्की
·         वासवी
·         सौराष्ट्र
·         भीली (गामित सम्मिलित)
खानदेशी
·         अहिराणी (कन्देशी)
डोमरी-रोमानी
(क्लौसेन द्वारा एक अलग समूह के रूप में मानी जाती है)
·         डोमरी
केंद्रीय क्षेत्र (मध्य या हिन्दी)
इंडिक, मध्य क्षेत्र
पश्चिम मध्य क्षेत्र (पश्चिमी हिन्दी)
·         हरयाणवी
·         बुन्देली
·         भया
·         सांसी
·         चमारी
·         घेरा
·         गोव्ली
पूर्व मध्य क्षेत्र (पूर्वी हिन्दी)
(एसआईएल द्वारा हिंद-आर्य की अलग शाखा निर्मित)
·         अवधी
·         बघेली
·         छत्तीसगढ़ी
·         धनवार
पूर्वी क्षेत्र (मगधन)
यह भाषाएँ अर्धमगधि द्वारा मगधि प्राकृत से निकली है।
बंगाली-असमिया भाषाएँ
·         असमिया
·         बंगाली (बंग्ला) (मल पहरिया सम्मिलित)
·         चकमा
·         हाजोंग
·         राजवंशी
·         सिल्हेटी
बिहारी भाषाएँ
·         अंगीका
·         भोजपुरी (कैरिबियाई हिंदुस्तानी सम्मिलित)
·         मैथिली
·         मगही
·         माझी
·         मुससा
·         सादरी
उड़िया भाषा
·         उड़िया
·         हल्बी
थारू
थारू, थारू लोगों की भाषा है, लगभग १० लाख वक्ताओं के साथ। थारू इस प्रकार उपविभाजित की जा सकती है
·         चितवनिया थारू (आई एस ओ ६३९-३: १९९१ में ८०,००० वक्ता)
·         कोचिला थारू (आई एस ओ ६३९-३: २००३ में २,५८,००० वक्ता), बोलियां: सप्तरी, मोरंगिया, उदयपुर, सुनसरी, सिराहा, महोत्तरी, सर्लाही और धनुषा
·         राना थारू (आई एस ओ ६३९-३: २००० में ३,६८,००० वक्ता)
दक्षिणी क्षेत्र भाषाएँ
·         मराठी (दखिनी उर्दू सम्मिलित)
कोंकणी परिवार
·         कत्कारी
·         कोंकणी
·         कूकना
·         फुदगी
·         संवेदी
·         वरली
द्वीपीय हिंद
द्वीपीय भाषाएँ श्रीलंका, मिनिकॉय और मालदीव के द्वीपों पर बोली जाती हैं। उनमें कई विशेषताएं जो उन्हें अपनी महाद्वीपीय भगिनी भाषाओं से बिलकुल अलग करती हैं। (एसआईएल उन्हें हिंद-आर्य भाषाओं की अलग शाखा मानता है)
·         दिवेही (या महल)
·         सिंहला
·         वेद्दा
अवर्गीकृत
निम्नलिखित भाषाएँ हिंद-आर्य परिवार में वर्गीकृत नहीं की गईं हैं।
·         टिप्पेरा
·         कंजरी
·         ओद
·         उसुई
·         वागरी बूली
·         दरई
·         कुम्हली
·         चिनाली


हिंद-आर्य भाषाएँ, एसआईएल के अनुसार समूहीकृत:██ मध्य और पूर्व मध्य क्षेत्र██ उत्तरी क्षेत्र██ उत्तरपूर्वी क्षेत्र██ पूर्वी क्षेत्र██ दक्षिणी क्षेत्र██ द्वीपीय
हिन्द-आर्य भाषाओं में लगभग २१० (एसआईएल अनुमान) भाषाएँ और बोलियाँ आती हैं जो एशिया में बहुत से लोगों द्वारा बोली जाती हैं; यह भाषा परिवारहिंद-इरानी भाषा परिवार का भाग है।

अनुक्रम
·         1 ऐतिहासिक
·         4 संदर्भ
ऐतिहासिक
·         प्राचीन हिंद (१५००-३०० ई.पू.)
·         आरंभिक प्राचीन हिंद: वैदिक संस्कृत (१५०० से ५०० ई.पू.)
·         अतिकालिक प्राचीन हिंद: महाकाव्यिक संस्कृत, शास्त्रीय संस्कृत (५०० से ३०० ई.पू.)
·         मध्य हिंद (३०० ई.पू. से १५०० ईस्वी)
·         प्रारंभिक चरण: ३री शताब्दी ई.पू.
·         अशोक-प्राकृत (३री शताब्दी ई.पू. क्षेत्रीय बोलियाँ)
·         पाली (बौद्ध सिद्धांत की भाषा)
·         आरंभिक अर्धमगधि (सबसे पुराने जैन सूत्रों की भाषा)
·         मध्य चरण (२०० ई.पू. से ७०० ईस्वी)
·         अर्धमगधि (अतिकालिक जैन सिद्धांत)
·         नाटकीय प्राकृत (मौर्य काल)
·         संकर संस्कृत (महायान सिद्धांत)
·         अतिकालिक चरण: अपभ्रंश (७०० ईस्वी से १५०० ईस्वी)
·         अबहत्त (मगधि अपभ्रंश)
·         इलू (सिंहली अपभ्रंश)
·         आरंभिक आधुनिक हिंद (मुगल काल, १५०० से १८००)
·         आरंभिक दक्खनी (कालमितुल-हकायत १५८०)
·         खड़ीबोली का उद्भव (गोरा-बादल की कथा, १६२० का दौर)
·         दिल्ली के किले पर "उर्दू" का उभरना (१६७० का दौर)
समकालीन भाषाएँ
यह वर्गीकरण कौसन का पालन करता है (२००५)। एसआईएल से भिन्नता उल्लेखित है। (एसआईएल हिंद-आर्य भाषाओं में नुरिस्तानी भाषाओं को सम्मिलित करता है)
(दूसरी हिंद-आर्य भाषाओं से इस परिवार का सम्बन्ध अस्पष्ट है; एथ्नोलोग इसे पश्चिमोत्तर क्षेत्र में सम्मिलित करता है, इसके पश्चात भी की इन भाषाओं की व्याकरण संरचना शास्त्रीय हिंद-आर्य भाषाओं से बहुत अलग है।)
कुनर (कुनड़) भाषाएँ
·         पाशाई
·         ग्वार-बती
·         दामेली
·         शुमश्ती
·         नंगलामी (ग्रंगली सम्मिलित)
चित्राल भाषाएँ
·         खोवार
·         कलश
कोहिस्तानी भाषाएँ
·         कालामी
·         तोरवाली
·         कलकोटी
·         बटेरी
·         चीलीस्सो
·         गोवरो
·         तीराही
शीना भाषाएँ
·         शीना भाषा
·         ब्रोक्स्काद (बल्तिस्तान और लद्दाख़ की शीना)
·         उशोजो
·         डोमाकी
·         पालूला
·         सावी
कश्मीरी
·         कश्मीरी
·         पोगुली
उत्तरी क्षेत्र (पहाड़ी)
मुख्य लेख : पहाड़ी
·         नेपाली (गोरखाली; पाल्पा सम्मिलित)
·         गढ़वाली (टिहरी सम्मिलित)
·         कुमाँऊनी
उत्तर पश्चिमी क्षेत्र
क्षेत्र के मानचित्र जहां डोगरी-कांगड़ी भाषाएँ बोली जाती हैं
डोगरी-कांगड़ी भाषाएँ
(एसआईएल द्वारा पहाड़ी में सम्मिलित)
·         डोगरी - कांगड़ी
·         गद्दी
·         चुरही
·         भात्तियाली
·         बिलासपुरी
·         चम्बाली
·         मंडाली
·         जौनसारी
·         पंग्वाली
·         पोत्वारी (मीरपुरी या पोथोहरी के नाम से भी जानी जाती है और कभी-कभी लहंदा के साथ समूहीकृत)
पंजाबी
(एसआईएल द्वारा केंद्रीय क्षेत्र में सम्मिलित)
·         दोअबी
·         पोवाधि
सरैकी भाषाएँ
·         लहंदा (पश्चिम पंजाबी)
·         पोत्वारी (मीरपुरी या पोथोहरी के नाम से भी जानी जाती है और आमतौर पर पहाड़ी के रूप में वर्गीकृत)
·         हिंद्को
·         सरैकी (दक्षिण पंजाबी या मुलतानी)
·         उत्तरी गुजराती
सिंधी भाषाएँ
·         सिन्धी
·         जद्गली
·         कच्ची
पश्चिमी क्षेत्र
(एसआईएल इन भाषाओं को मध्य क्षेत्र में सम्मिलित करता है)
·         मारवाड़ी (मेवारी सम्मिलित)
·         हरौती
·         गोअरिया
·         माल्वी
·         निमाड़ी
·         गुजरी
·         बागड़ी
·         लंबाडी
·         लोअर्की
·         वासवी
·         सौराष्ट्र
·         भीली (गामित सम्मिलित)
खानदेशी
·         अहिराणी (कन्देशी)
डोमरी-रोमानी
(क्लौसेन द्वारा एक अलग समूह के रूप में मानी जाती है)
·         डोमरी
केंद्रीय क्षेत्र (मध्य या हिन्दी)
इंडिक, मध्य क्षेत्र
पश्चिम मध्य क्षेत्र (पश्चिमी हिन्दी)
·         हरयाणवी
·         बुन्देली
·         भया
·         सांसी
·         चमारी
·         घेरा
·         गोव्ली
पूर्व मध्य क्षेत्र (पूर्वी हिन्दी)
(एसआईएल द्वारा हिंद-आर्य की अलग शाखा निर्मित)
·         अवधी
·         बघेली
·         छत्तीसगढ़ी
·         धनवार
पूर्वी क्षेत्र (मगधन)
यह भाषाएँ अर्धमगधि द्वारा मगधि प्राकृत से निकली है।
बंगाली-असमिया भाषाएँ
·         असमिया
·         बंगाली (बंग्ला) (मल पहरिया सम्मिलित)
·         चकमा
·         हाजोंग
·         राजवंशी
·         सिल्हेटी
बिहारी भाषाएँ
·         अंगीका
·         भोजपुरी (कैरिबियाई हिंदुस्तानी सम्मिलित)
·         मैथिली
·         मगही
·         माझी
·         मुससा
·         सादरी
उड़िया भाषा
·         उड़िया
·         हल्बी
थारू
थारू, थारू लोगों की भाषा है, लगभग १० लाख वक्ताओं के साथ। थारू इस प्रकार उपविभाजित की जा सकती है
·         चितवनिया थारू (आई एस ओ ६३९-३: १९९१ में ८०,००० वक्ता)
·         कोचिला थारू (आई एस ओ ६३९-३: २००३ में २,५८,००० वक्ता), बोलियां: सप्तरी, मोरंगिया, उदयपुर, सुनसरी, सिराहा, महोत्तरी, सर्लाही और धनुषा
·         राना थारू (आई एस ओ ६३९-३: २००० में ३,६८,००० वक्ता)
दक्षिणी क्षेत्र भाषाएँ
·         मराठी (दखिनी उर्दू सम्मिलित)
कोंकणी परिवार
·         कत्कारी
·         कोंकणी
·         कूकना
·         फुदगी
·         संवेदी
·         वरली
द्वीपीय हिंद
द्वीपीय भाषाएँ श्रीलंका, मिनिकॉय और मालदीव के द्वीपों पर बोली जाती हैं। उनमें कई विशेषताएं जो उन्हें अपनी महाद्वीपीय भगिनी भाषाओं से बिलकुल अलग करती हैं। (एसआईएल उन्हें हिंद-आर्य भाषाओं की अलग शाखा मानता है)
·         दिवेही (या महल)
·         सिंहला
·         वेद्दा
अवर्गीकृत
निम्नलिखित भाषाएँ हिंद-आर्य परिवार में वर्गीकृत नहीं की गईं हैं।
·         टिप्पेरा
·         कंजरी
·         ओद
·         उसुई
·         वागरी बूली
·         दरई
·         कुम्हली
·         चिनाली


No comments:

Post a Comment